Wednesday, April 02, 2025

Tuesday, February 07, 2012

यह पुल है या पूल



उन बेचारे अभिभावकों का क्या कसूर है जो सुबह अपने बच्चों को स्कूल के लिए घर से यह सोच कर विदा करते है की उनके बच्चे दो अक्षर पढ़ कर अपना भविष्य संवार लेंगे या अपने माँ-बाप का नाम रोशन करेंगे. लेकिन यह शायद हिसार के छात्र-छात्राओं का दुर्भाग्य ही है की कभी ऑटो रिक्शा दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण तो कभी रोडवेज बस में गलत तरीके से यात्रा करने के चलते उनको काल का ग्रास बनना पड़ता है.कभी कोई साइकिल सवार छात्र-छात्रा किसी वाहन की चपेट में आ रहे है तो कभी अधिकारी से लेकर नेता-राजनेता तक के संज्ञान में होने के बावजूद स्कूली बच्चे दम तोड़ रहे है.कुल मिला कर अगर यह कहा जाये की हिसार की जनता आजकल पशोपेश में है तो गलत नहीं होगा.
दो अक्षर पढना व् नाम रोशन करना तो आज दूर की बात लगती है जबकि अभिभावकों को यह डर सारे दिन सताता रहता है की घर से स्कूल की ओर जाने वाला उनका बच्चा वापिस लौटेगा या नहीं. जिन अभिभावकों के जिगर का टुकड़ा बालसमंद रोड स्थित किसी स्कूल में पढता है तो उनके लिए स्थिति आज और अधिक भयावय हो चुकी है. क्योंकि जहाँ नगर के यातायात की समस्या जटिल होती जा रही है वहीँ पिछले छः वर्षो से पुराना ओवरब्रिज का एक हिस्सा बंद होने से इस रोड पर चलना आम आदमी के लिए दूभर हो गया है. कल तक इस पुल को खुलवाने के लिए जो जनता धरने-प्रदर्शन करती थी आज वो इसलिए चुप है की शायद जिला प्रशासन के अनेको विभागों ने इस पुल को ना खोलने के लिए आपस में पूल बना लिया है.
एक के बाद एक करके आज तक जहाँ दो स्कूली छात्र बस की चपेट में आ चुके है वहीँ एक काल का ग्रास बन चूका है तो सोमवार को हुए एक दर्दनाक हादसे में एक छात्रा जिंदगी और मौत से जूझ रही है. जबकि समय-समय पर रात को गलत दिशा से वाहन गुजारने की जद्दोजहद में कई लोग जख्मी हो चुके है तो एक व्यक्ति दम तोड़ चूका है. भले ही यह मामला विधानसभा व् संसद तक में गूंज चूका हो लेकिन इस समस्या को जस का तस रखने के लिए एक के बाद एक विभाग इस पूल से जुड़ते चले गए. इस पुल को ठीक करने हेतु चुनावों के समय नेताओं द्वारा किये गए वादे आज जनता के कोई काम नहीं आ रहे है तो जनता भी पुल के लिए किये गए पूल के आगे अपने को बेबस समझ रही है.
लगभग छः वर्ष पहले नगर के पुराने ओवर ब्रिज का एक हिस्सा कंडम घोषित किया गया था. पुल से भारी वाहन नहीं गुजरें इसके लिए पुल के एक ओर पोल गाड दिए थे. इसके लिए जब स्थानीय नेताओं द्वारा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से बात की जाती तो जवाब मिलता की पुल को ठीक कर दिया गया है, इसको खोलने की मंजूरी रेलवे विभाग से मिलनी है. रेलवे अधिकारियो से पुल खोलने को लेकर बात की जाती तो जवाब मिलने लगा की यह मंजूरी बीकानेर से आनी है. इसकी शिकायत जब जिला प्रशासन के अधिकारियो पर जाने लगी तो आज उनका भी कुछ यही हाल है. जिला उपायुक्त का कहना है की पुल संबंधी अधिकारियो से बात चल रही है जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जायेगा. जबकि आज गुफ्तगू इस बात को लेकर हो रही है की यह पुल है या पूल.

Related Articles :

Related Posts



Stumble
Delicious
Technorati
Twitter
Facebook

0 comments:

Post a Comment

Pages (24)1234 Next

अंग्रेजी से हिन्दी में लिखिए

 

gooftgu hisar : india news, hindi news, hisar news, news in hindi Copyright © 2010 LKart Theme is Designed by Lasantha