कुछ समय पुरानी बात याद आती है की जब सानिया मिर्जा टेनिस खेलने उतरती थी तो दर्शक जम जाते थे. कारण होता था की एक टेनिस खिलाडी द्वारा पहने जाने वाले छोटे कपडे. उस पर वह खिलाडी एक भारतीय हो तो... यही कारण रहा की सानिया मिर्जा अपने खेल से बाद में मशहूर हुई सुन्दरता और छोटे कपड़ो के कारण पहले. उनके टेनिस खेलते हुए, कुर्सी पर बैठे हुए और प्रक्टिस करते हुए के बहुत से फोटो समाचार पत्रों और विभिन्न वेबसाइटों पर दिखने आम हो गए. शोर-शराबा मंचने लगा. मुस्लिम समाज सानिया मिर्जा के विरोध में उतर गया की या तो वो पैरो में कुछ पहन कर यह खेल खेले या फिर खेलना छोड़ दे. लेकिन किसी की परवाह किये वैगर वो आज भी देश का नाम रौशन कर रही है. वो बात अलग है की आज भी उनकी विभिन्न मुद्राओं की फोटो अक्सर देश की सभ्यता का मुंह चिढाती रहती है.
अब सानिया मिर्जा तो एक खिलाडी है. अपने देश के लिए खेलती है. देश का नाम भी रोशन कर रही है. बावजूद इसके अपनी संस्कृति के मद्देनजर मुस्लिम समाज का शोर मचाना जायज सा लगता है. लेकिन आज कल फिल्म इंडस्ट्रीज में जो कुछ हो रहा है उस पर बोलने वाला कोई नहीं है. अब आप कहेंगे की सेंसर बोर्ड है ना. यह मै भी जनता हूँ लेकिन वो फिल्मो के लिए है, ना की अभिनेता व् अभिनेत्रियों की निजी जिंदगी के लिए. आजकल फिल्म अभिनेत्रियाँ जो कुछ अपनी निजी जिंदगी में कर रही है उसे देख ऐसा लगता है अभी तक कपडे उतारना इनकी फितरत में था लेकिन निजी जिंदगी में इनका बस चले तो यह कपडे पहने ही नहीं. ऐसा मै नहीं कह रहा. गुफ्तगू चली तो पता चला की सानिया मिर्जा के लिए मुस्लिम समाज एक जुट होकर विरोध कर रहा था लेकिन हिन्दू समाज में ऐसा कुछ नहीं है.
अब देखो ना अभी हाल ही में सिने तारिका याना गुप्ता जब एक पार्टी में पहुंची तो लोग देखे या ना देखे मिडिया वाले जरुर उन पर कैमरा ताने खड़े रहे. बात किसी की समझ में नहीं आई की आखिर माजरा क्या है. कुछ समय बाद जब किसी ने आकर याना गुप्ता को बताया की आपने नीचे अंग वस्त्र नहीं पहने है तो उन्होंने किसी तरह पैर के ऊपर पैर व् उन पर भी हाथ रख कर अपनी हँसी से शर्म को छुपाते हुए मिडिया वालो से पीछा छुड़ाया. ऐसा नहीं है की सिर्फ याना गुप्ता ने ही ऐसा किया है. आज बहुत सी अभिनेत्रियाँ ऐसा करने की लाइन में खड़ी है. इनमे से कुछ अंग वस्त्र पहनती ही नहीं और जो कुछ पहनती है वो दिखाए बिना नहीं रहती. फिल्म अभिनेत्री निशा कोठारी, शमिता शेट्टी, शर्लिन चोपड़ा व् मंदिरा बेदी जैसी कई अभिनेत्रियाँ ऐसी है जिनके लिए अंग वस्त्र नहीं पहनना या उनको दिखाना फैशन सा बनता जा रहा है. बावजूद इसके आज कोई भी समाज ना तो कोई आवाज उठा रहा है ना ही शासन व् प्रशासन कोई कार्यवाही कर रहा है.
अब सानिया मिर्जा तो एक खिलाडी है. अपने देश के लिए खेलती है. देश का नाम भी रोशन कर रही है. बावजूद इसके अपनी संस्कृति के मद्देनजर मुस्लिम समाज का शोर मचाना जायज सा लगता है. लेकिन आज कल फिल्म इंडस्ट्रीज में जो कुछ हो रहा है उस पर बोलने वाला कोई नहीं है. अब आप कहेंगे की सेंसर बोर्ड है ना. यह मै भी जनता हूँ लेकिन वो फिल्मो के लिए है, ना की अभिनेता व् अभिनेत्रियों की निजी जिंदगी के लिए. आजकल फिल्म अभिनेत्रियाँ जो कुछ अपनी निजी जिंदगी में कर रही है उसे देख ऐसा लगता है अभी तक कपडे उतारना इनकी फितरत में था लेकिन निजी जिंदगी में इनका बस चले तो यह कपडे पहने ही नहीं. ऐसा मै नहीं कह रहा. गुफ्तगू चली तो पता चला की सानिया मिर्जा के लिए मुस्लिम समाज एक जुट होकर विरोध कर रहा था लेकिन हिन्दू समाज में ऐसा कुछ नहीं है.
अब देखो ना अभी हाल ही में सिने तारिका याना गुप्ता जब एक पार्टी में पहुंची तो लोग देखे या ना देखे मिडिया वाले जरुर उन पर कैमरा ताने खड़े रहे. बात किसी की समझ में नहीं आई की आखिर माजरा क्या है. कुछ समय बाद जब किसी ने आकर याना गुप्ता को बताया की आपने नीचे अंग वस्त्र नहीं पहने है तो उन्होंने किसी तरह पैर के ऊपर पैर व् उन पर भी हाथ रख कर अपनी हँसी से शर्म को छुपाते हुए मिडिया वालो से पीछा छुड़ाया. ऐसा नहीं है की सिर्फ याना गुप्ता ने ही ऐसा किया है. आज बहुत सी अभिनेत्रियाँ ऐसा करने की लाइन में खड़ी है. इनमे से कुछ अंग वस्त्र पहनती ही नहीं और जो कुछ पहनती है वो दिखाए बिना नहीं रहती. फिल्म अभिनेत्री निशा कोठारी, शमिता शेट्टी, शर्लिन चोपड़ा व् मंदिरा बेदी जैसी कई अभिनेत्रियाँ ऐसी है जिनके लिए अंग वस्त्र नहीं पहनना या उनको दिखाना फैशन सा बनता जा रहा है. बावजूद इसके आज कोई भी समाज ना तो कोई आवाज उठा रहा है ना ही शासन व् प्रशासन कोई कार्यवाही कर रहा है.
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